बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहाससरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास
प्रश्न- सुमेरियन समाज के आर्थिक जीवन के विषय में बताइये। यहाँ की कृषि, उद्योग-धन्धे, व्यापार एवं वाणिज्य की प्रगति का उल्लेख कीजिए।
अथवा
सुमेरियन समाज के आर्थिक जीवन का उल्लेख कीजिए।
अथवा
सुमेरियन की अर्थव्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
सम्बन्धित लघु प्रश्न
1. सुमेरियन समाज की अर्थव्यवस्था में कृषि के महत्व का उल्लेख कीजिए।
2. सुमेरियनों के पशुपालन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
3. सुमेरियन समाज के आर्थिक जीवन में उद्योग-धन्धों का क्या योगदान रहा है? स्पष्ट कीजिए।
4. सुमेरिया के आर्थिक जीवन पर प्रकाश डालिए।
5. सुमेरिया में व्यापार एवं वाणिज्य के विषय में बताइए।
6. सुमेरियाई अर्थव्यवस्था के ढाँचे को प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर -
सुमेरियन समाज का आर्थिक जीवन
सुमेरियन समाज आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न था। दजला-फरात के तटीय मैदानों की उर्वरता, व्यापारिक सुविधाएँ और यहाँ की लिपि सुमेरियन अर्थव्यवस्था की प्रेरणादायक शक्तियों के रूप में कार्यरत थीं। इन्हीं शक्तियों से सुमेरियन अर्थ जगत को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने की प्रेरणा मिली।
1. कृषि कार्य
सुमेरियनों का आर्थिक जीवन कृषि पर आधारित था। यहाँ के मैदान दजला- फरात की नदियों के कारण अत्यन्त उर्वर थे। सिंचाई विधियों के ज्ञान तथा कृषकों के कठिन परिश्रम के फलस्वरूप यहाँ चारों ओर हरियाली का वातावरण था। कृषि के विकास एवं उसमें हल की उपयोगिता के कारण ही हेनरी लूकसं ने इसे 'हल प्रधान संस्कृति (Plough Culture) कहा है।
यहाँ की मुख्य फसलें गेहूँ, जौ, तिल, मटर आदि थीं तथा इसके साथ ही खजूर की खेती भी की जाती थी। मन्दिरों की देख-रेख में बगीचे भी लगाये जाते थे। अन्न का उत्पादन मुख्य रूप से गाँवों में होता था। नगर के लोग अन्न को कई विधियों से प्राप्त करते थे। सामान्य रूप से गाँव में अनाज पैदा कर
नगरों में भेजा जाता था तथा इसके बदले में नगरों से आवश्यक वस्तुएँ गाँवों में आती थीं। नगर शासक भी गाँवों से कर के रूप में अनाज प्राप्त करता था। यह कर मन्दिर के कोषागार में जमा किया जाता था। लगानधारी व्यक्ति के उत्पादन का 1/6 से 1/3 भाग लगान में वसूल किया जाता था।
सुमेरिया लेखों से कृषि व्यवस्था से सम्बन्धित जानकारी मिलती है कि कृषि योग्य भूमि की पैमाइश बीज एवं उत्पादन का आय-व्यय बड़ी सावधानी से रखा जाता था।
2. पशुपालन
सुमेरिया के निवासियों का दूसरा प्रमुख उद्योग पशुपालन था। यहाँ प्रायः गाय, बैल, भेड़, बकरी, सूअर आदि पाले जाते थे। दूध की प्राप्ति के लिये भी इनमें से कुछ पशु महत्वपूर्ण थे। गाय को देवी के रूप में स्वीकार किया जाता था। पशुओं की बड़ी संख्या प्रायः मन्दिरों के अधिकार में ही थी जिनके निवास के लिये पशुशालाएँ तथा चरने के लिये चरागाहों की व्यवस्था की गई थी। ऐसा माना जाता है कि समाज में पशु चराने वालों का एक अलग वर्ग होता था। ये लोग पशुओं को चराते समय जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिये अपने साथ कुत्ते रखते थे। यहाँ से प्राप्त चित्राक्षरों में जंगली जानवरों के चित्रों की अधिकता है। ऐसा प्रतीत होता है कि यहाँ शिकार की प्रथा भी प्रचलित थी और जंगली जानवरों का शिकार किया जाता था।
यहाँ के उर नामक स्थान के समीप एक मन्दिर से कुछ ऐसे चित्र प्राप्त हुए हैं जिनसे दुग्ध उद्योग से सम्बन्धित सूचनाएँ मिलती हैं। कुछ दूध देने वाले पशुओं से दूध निकाला जाता था। बैल का उपयोग हल जोतने तथा गधों का उपयोग पहिएदार गाड़ी खींचने में किया जाता था। इसी प्रकार भेड़ के बालों से ऊन बनायी जाती थी जिनका प्रयोग वस्त्र बनाने के लिये किया जाता था।
3. उद्योग-धन्धे
सुमेरियन सभ्यता में कृषि तथा पशुपालन के साथ-साथ उद्योग-धन्धों का भी पर्याप्त विकास हुआ। उद्योग-धन्धे प्रायः मन्दिरों के नियन्त्रण में थे। यहाँ मुख्य रूप से धातु उद्योग, वस्त्र उद्योग तथा गाड़ी बनाने के उद्योग प्रचलित थे। सुमेरिया में कच्चे माल की कमी थी इसलिए धातुएँ विदेशों से मंगानी पड़ती थीं। ताँबे, कांसे, सोने, चाँदी एवं शीशे की सहायता से विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का निर्माण होता था। विद्वानों का मानना है कि सोने का जितना अच्छा काम सुमेरिया में किया गया उतना शायद ही किसी सभ्यता में देखने को मिले।
धातु उद्योग के साथ-साथ यहाँ वस्त्र उद्योग का भी पर्याप्त विकास हुआ। यहाँ भेड़ों से पर्याप्त मात्रा में ऊन प्राप्त हो जाती थी जिससे वस्त्र उद्योग को विकसित होने का पूर्ण अवसर मिला। वस्त्र उद्योग निरीक्षकों की देख-रेख में संचालित होता था। इन निरीक्षकों की नियुक्ति शासक द्वारा होती थी। यह उद्योग विशेष वर्ग के हाथ में था जो धागा काटने से लेकर बुनने तथा रंगने का कार्य करते थे।
यहाँ गाड़ी बनाने का कार्य भी किया जाता था। गाड़ी के पहिए लकड़ी द्वारा बनाये जाते थे जिन पर चमड़े अथवा ताँबे के पट्टे चढ़ाये जाते थे। किश नामक स्थान से कई पहिएदार गाड़ियाँ प्राप्त हुई हैं जो सम्भवतः विश्व की सबसे प्राचीन गाड़ियाँ मानी जाती हैं।
4. व्यापार एवं वाणिज्य
सुमेरिया में उत्पादन अधिक होने के कारण उसे बेचने की प्रथा ने यहाँ व्यापारिक जीवन की शुरूआत की। यहाँ व्यापार मन्दिरों तथा व्यक्तिगत लोगों के माध्यम से होता था। मन्दिरों में कुछ सौदागर रहते थे जो मन्दिरों के लिये विदेशों से सोना, चाँदी आदि मँगवाते थे और बदले में अपने यहाँ से अनाज भेजते थे। व्यापार के बदले में मन्दिर के व्यापारियों को मन्दिर की ओर से भूमि तथा काफिलों के लिये पशु आदि दिये जाते थे। व्यक्तिगत क्षेत्रों में व्यापार करने वाले लोग विलासिता की वस्तुएँ, धातुएँ तथा कीमती पत्थरों का आयात करते थे।
यहाँ का व्यापार मिस्र, भूमध्यसागर के तटों, एशिया माइनर, सिन्धु घाटी आदि के साथ किया जाता था। फारस की खाड़ी के देश ओमान से ताँबा, पूर्वी प्रदेश सोरुस से चाँदी, सीरिया और एशिया माइनर से टिन तथा बदख्शाँ से वैदूर्य मणि इत्यादि वस्तुएँ मंगाई जाती थीं। भूमध्यसागर के पूर्वी तटों पर इसकी व्यापारिक प्रतिस्पर्द्धा मिस्र के व्यापारियों के साथ थी। पश्चिम में भूमध्यसागर के पूर्वी तटों से व्यापार के लिये यहाँ के व्यापारी स्थल तथा जल दोनों मार्गों का प्रयोग करते थे। स्थल मार्ग से भारवाही पशुओं तथा पहिएदार गाड़ियों द्वारा व्यापार किया जाता था तथा जल मार्ग से नावों द्वारा व्यापार किया जाता था। क्रय-विक्रय हेतु सबसे पहले अदल-बदल प्रणाली ही प्रचलित थी, परन्तु कालान्तर में चाँदी की छड़ों का प्रयोग भी लेन-देन में किया जाने लगा। यहाँ व्यापारिक वस्तुओं के क्रय-विक्रय हेतु बाजारों की भी व्यवस्था थी। आन्तरिक व्यापार प्रायः मन्दिरों के निकट होते थे जहाँ अत्यधिक भीड़ एकत्र होती थी। इससे प्रतिध्वनित होता है कि यहाँ का व्यापारिक जीवन अत्यन्त व्यस्त था।
विल ड्यूरेण्ट के अनुसार, "यदि ब्याज की दर के आधार पर किसी समाज की स्थिति का अनुमान लगाया जाये तो यह कहा जा सकता है कि सुमेरिया के व्यापारी एक अनिश्चित एवं असुरक्षित आर्थिक वातावरण में रहते थे।'
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- प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने हेतु उपयोगी स्रोतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- भास की कृति "स्वप्नवासवदत्ता" पर एक लेख लिखिए।
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- प्रश्न- दारा प्रथम तथा उसके तीन महत्वपूर्ण अभिलेख के विषय में बताइए।
- प्रश्न- आपके विषय का पूरा नाम क्या है? आपके इस प्रश्नपत्र का क्या नाम है?
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
- प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
- प्रश्न- पुरातत्व स्मारक के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालिए
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के विषय में आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के सामाजिक व्यवस्था व आर्थिक जीवन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु नदी घाटी के समाज के धार्मिक व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की राजनीतिक व्यवस्था एवं कला का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के नामकरण और उसके भौगोलिक विस्तार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता की नगर योजना का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हड़प्पा सभ्यता के नगरों के नगर- विन्यास पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- हड़प्पा संस्कृति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोगों की शारीरिक विशेषताओं का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- पाषाण प्रौद्योगिकी पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के सामाजिक संगठन पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता के कला और धर्म पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता के व्यापार का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता की लिपि पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता में शिवोपासना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सैन्धव धर्म में स्वस्तिक पूजा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक अथवा पूर्व वैदिक काल की सभ्यता और संस्कृति के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- विवाह संस्कार से सम्पादित कृतियों का वर्णन कीजिए तथा महत्व की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल के प्रमुख देवताओं का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- ऋग्वेद में सोम देवता का महत्व बताइये।
- प्रश्न- वैदिक संस्कृति में इन्द्र के बारे में बताइये।
- प्रश्न- वेदों में संध्या एवं ऊषा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में जल की पूजा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- वरुण देवता का महत्व बताइए।
- प्रश्न- वैदिक काल में यज्ञ का महत्व बताइए।
- प्रश्न- पंच महायज्ञ' पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक देवता द्यौस और वरुण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक यज्ञों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक देवता इन्द्र के विषय में लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक यज्ञों के सम्पादन में अग्नि के महत्त्व को व्याख्यायित कीजिए।
- प्रश्न- उत्तरवैदिक कालीन धार्मिक विश्वासों एवं कृत्यों के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- वैदिक काल में प्रकृति पूजा पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक संस्कृति की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- अश्वमेध पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- आर्यों के आदिस्थान से सम्बन्धित विभिन्न मतों की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक काल में आर्यों के भौगोलिक ज्ञान का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- आर्य कौन थे? उनके मूल निवास स्थान सम्बन्धी मतों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक साहित्य से आपका क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख अंगों की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आर्य परम्पराओं एवं आर्यों के स्थानान्तरण को समझाइये।
- प्रश्न- वैदिक कालीन धार्मिक व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ऋत की अवधारणा का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक देवताओं पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक धर्म और देवताओं के विषय में लिखिए।
- प्रश्न- 'वेदांग' से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन समाज पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिककालीन समाज में हुए परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक काल में शासन प्रबन्ध का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक काल के शासन प्रबन्ध की रूपरेखा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन आर्थिक जीवन का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य पर एक निबंध लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन लोगों के कृषि जीवन का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक काल के पशुपालन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक आर्यों के संगठित क्रियाकलापों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आर्य की अवधारणा बताइए।
- प्रश्न- आर्य कौन थे? वे कब और कहाँ से भारत आए?
- प्रश्न- भारतीय संस्कृति में वेदों का महत्त्व बताइए।
- प्रश्न- यजुर्वेद पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वेद पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैदिक साहित्य में अरण्यकों के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आर्य एवं डेन्यूब नदी पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- क्या आर्य ध्रुवों के निवासी थे?
- प्रश्न- "आर्यों का मूल निवास स्थान मध्य एशिया था।" विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- संहिता ग्रन्थ से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- ऋग्वैदिक आर्यों के धार्मिक विश्वासों के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- पणि से आपका क्या अभिप्राय है?
- प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन उद्योग-धन्धों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक काल में सिंचाई के साधनों एवं उपायों पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- क्या वैदिक काल में समुद्री व्यापार होता था?
- प्रश्न- उत्तर वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक काल में प्रचलित उद्योग-धन्धों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए?
- प्रश्न- शतमान पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत में लोहे की प्राचीनता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक आर्थिक जीवन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिककाल में लोहे के उपयोग की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- नौकायन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी की सभ्यता के विशिष्ट तत्वों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोग कौन थे? उनकी सभ्यता का संस्थापन एवं विनाश कैसे.हुआ?
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता की आर्थिक एवं धार्मिक दशा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल की आर्यों की सभ्यता के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- वैदिक व सैंधव सभ्यता की समानताओं और असमानताओं का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन सभा और समिति के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के कालक्रम का निर्धारण कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विस्तार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता का बाह्य जगत के साथ संपर्कों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- हड़प्पा से प्राप्त पुरातत्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हड़प्पा कालीन सभ्यता में मूर्तिकला के विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संस्कृति एवं सभ्यता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्राग्हड़प्पा और हड़प्पा काल का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन काल के सामाजिक संगठन को किस प्रकार निर्धारित किया गया व क्यों?
- प्रश्न- जाति प्रथा की उत्पत्ति एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वर्णाश्रम धर्म से आप क्या समझते हैं? इसकी मुख्य विशेषताएं बताइये।
- प्रश्न- संस्कार शब्द से आप क्या समझते हैं? उसका अर्थ एवं परिभाषा लिखते हुए संस्कारों का विस्तार तथा उनकी संख्या लिखिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में संस्कारों के प्रयोजन पर अपने विचार संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में विवाह के प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में नारी की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैष्णव धर्म के उद्गम के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- महाकाव्यकालीन स्त्रियों की दशा पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुरातत्व अध्ययन के स्रोतों को बताइए।
- प्रश्न- पुरातत्व साक्ष्य के विभिन्न स्रोतों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुरातत्वविद् की विशेषताओं से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पुरातात्विक स्रोतों से प्राप्त जानकारी के लाभों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व को जानने व खोजने में प्राचीन पुस्तकों के योगदान को बताइए।
- प्रश्न- विदेशी (लेखक) यात्रियों के द्वारा प्राप्त पुरातत्व के स्रोतों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व स्रोत में स्मारकों की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
- प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
- प्रश्न- पुरातत्व स्मारक के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- "सभ्यता का पालना" व "सभ्यता का उदय" से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- विश्व में नदी घाटी सभ्यता के विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चीनी सभ्यता के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- जियाहू एवं उबैद काल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अकाडिनी साम्राज्य व नॉर्ट चिको सभ्यता के विषय में बताइए।
- प्रश्न- मिस्र और नील नदी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- नदी घाटी सभ्यता के विकास को संक्षिप्त रूप से बताइए।
- प्रश्न- सभ्यता का प्रसार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विस्तार के विषय में बताइए।
- प्रश्न- मेसोपोटामिया की सभ्यता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुमेरिया की सभ्यता कहाँ विकसित हुई? इस सभ्यता की सामाजिक संरचना पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता के भारतवर्ष से सम्पर्क की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन समाज के आर्थिक जीवन के विषय में बताइये। यहाँ की कृषि, उद्योग-धन्धे, व्यापार एवं वाणिज्य की प्रगति का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की लिपि का विकासात्मक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन सुमेरिया में राज्य की अर्थव्यवस्था पर किसका अधिकार था?
- प्रश्न- बेबीलोनिया की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता की सामाजिक.विशिष्टताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- बेबीलोनिया के लोगों की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- बेबिलोनियन विधि संहिता की मुख्य धाराओं पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बेबीलोनिया की स्थापत्य कला पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बेबिलोनियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- असीरियन कौन थे? असीरिया की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख करते हुए बताइये कि यह समाज कितने वर्गों में विभक्त था?
- प्रश्न- असीरिया की धार्मिक मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए। असीरिया के लोगों ने कला एवं स्थापत्य के क्षेत्र में किस प्रकार प्रगति की? मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम असीरियाई साम्राज्य की स्थापना कब और कैसे हुई?
- प्रश्न- "असीरिया की कला में धार्मिक कथावस्तु का अभाव है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- असीरियन सभ्यता के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्राचीन मिस्र की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? मिस्र का इतिहास जानने के प्रमुख साधन बताइये।
- प्रश्न- प्राचीन मिस्र का समाज कितने वर्गों में विभक्त था? यहाँ की सामाजिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र के निवासियों का आर्थिक जीवन किस प्रकार का था? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मिस्रवासियों के धार्मिक जीवन का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र का समाज कितने भागों में विभक्त था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र की सभ्यता के पतन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- चीन की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता के इतिहास के प्रमुख साधनों का उल्लेख करते हुए प्रमुख राजवंशों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन चीन की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- चीनी सभ्यता के भौगोलिक विस्तार का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चीन के फाचिया सम्प्रदाय के विषय में बताइये।
- प्रश्न- चिन राजवंश की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।